Book Summary:
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कानून से खिलवाड़ करने वालों को सलाखों के पीछे पहुंचा देने की इच्छा रखने वाला इंस्पेक्टर चीता आज खुद हो गया है सलाखों के पीछे। र्निदोषों को कानून का सुरक्षा कवच देने वाला आज खुद बन गया है कई र्निदोषों की मौत का गुनहगार। लेकिन इस सच्चाई को ना मोनिका, ना सूरज, ना अदरक चाचा मान पाए हैं और ना ही मान पाई है पुलिस फोर्स। इसलिए मुम्बई पुलिस ने कर दी है मुबंई में हड़ताल। अब कौन रखवाला है मुम्बई की जनता का?
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